हर तरफ है नफरतों का बीज अब इनके ही अब तो ठिकाने हो गए। हर तरफ है नफरतों का बीज अब इनके ही अब तो ठिकाने हो गए।
कोई कोई कर भी लेता है अपनो के लिए। कोई कोई कर भी लेता है अपनो के लिए।
वो दर्द ना ही कभी बयां कर पाते हैं, ना ही किसी से कहे पाते हैं। वो दर्द ना ही कभी बयां कर पाते हैं, ना ही किसी से कहे पाते हैं।
म भाग्यशाली हमारे घर का सदस्य देश के खातिर कुर्बानी दिया। म भाग्यशाली हमारे घर का सदस्य देश के खातिर कुर्बानी दिया।
जरा सी नजर हटी तो खेल खत्म। जरा सी नजर हटी तो खेल खत्म।
शुरू हुआ ना जिसका जीवन उनसे क्या बैर निभाते हो ? शुरू हुआ ना जिसका जीवन उनसे क्या बैर निभाते हो ?